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सेल ने वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही में 4339 करोड़ रुपये के समेकित शुद्ध लाभ की घोषणा की

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नई दिल्ली : स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने मौजूदा वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2021-22) की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर, 2021) और पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर – 2021) के लिए कंपनी के वित्तीय परिणाम आज घोषित किए। वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही के दौरान सेल के परफ़ार्मेंस की मुख्य विशेषताएं:- कच्चे इस्पात का उत्पादन : 44.68 लाख टन, विक्रेय इस्पात की बिक्री: 42.80 लाख टन, अब तक की सर्वश्रेष्ठ तिमाही एबिटडा (EBITDA), कर-पूर्व लाभ (PBT) और कर-पश्चात लाभ (PAT), कंपनी ने वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही के दौरान अपनी उधारी में रु.12,872 करोड़ की कमी है। कंपनी की सकल उधारी 31.03.2021 को रु. 35,350 करोड़ थी, जो 30.09.2021 को घटकर रु. 22,478 करोड़ रह गई। कंपनी के बोर्ड ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए शेयरधारकों को 4 रुपये प्रति शेयर के अंतरिम लाभांश को मंजूरी दी है।

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एसोचैम के झारखंड इकाई के द्वारा परिचर्चा : नया हो लहजा कहीं से भी काम करने के लिए, व्यैक्तिक जवाबदेही के साथ सिंगल विन्डो प्रभावशाली बने : सुयश

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भारत में COVID 19 महामारी बहुत गंभीर रूप से प्रभावित कियाहै, बल्कि नकारात्मक, २०२० के शुरू सेभारत के रोजगार केआंकड़े ।अवसरों कोअधिकतम करने और इस प्रक्रियामें संघर्षों और परेशानियों कोकम करने की जरूरत है। इसे ध्यान में रखते हुए, एसोचैम “ईज ऑफ डूइंगबिजनेस-राजस्व और रोजगार सृजनपर Covid19 परिदृश्य के प्रभाव परचर्चा” पर ज्ञान प्रबंधनवर्चुअल मीट का आयोजन कररहा है। वेबिनार में एसोचैम के क्षेत्रीय निदेशक श्री भरत जायसवाल ने सत्र का परिचय कराया विषय की गूढ़ता पर भी उन्होंने प्रकाश डाला।
वहीं सत्र का संचालन श्री मनु सेठ, सीईओ बोल मिंज इंक और सीईओ क्लब नेटवर्क में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सलाहकार ने किया। हम मानकों को निर्धारित करनेकी जरूरत है, व्यापार में अभिनव और अवसरवादी जारहा है और यहभी व्यापार प्रथाओं में नैतिक जा रहा हैआप लंबे समय तक चलाने मेंले जाएगा । काम केपैटर्न में स्मार्टनेस को स्पष्ट रूपसे पेश करना होगा। वहीं शेयरखान के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ अभिजीत सरकार ने कहा कि जनसांख्यिकी की कोई सीमा नहीं है। ज्यादातर रिक्रूटर टैलेंट को देखकर हायर करते हैं । जनसांख्यिकी अब कोई फर्क नहीं पड़ता । पोस्ट कॉविड चूंकि स्थितियों में सुधार हो रहा है अधिकांश कर्मचारी कार्यालयों में वापस लौटने में अनिच्छा दिखा रहे हैं । इसके अलावा आदित्य बिड़ला समूह के उपाध्यक्ष और परियोजना प्रमुख श्रीशिव शंकरमहतो ने एक बहुत ही रोचक तथ्य को इंगित करते हुए शुरुआत की कि वन, पर्यावरण और भूमि किसी भी व्यवसाय के लिए 3 बड़े मुद्दे हैं । अगर आप बिजनेस चला रहे हैं या बिजनेस चलाना चाहते हैं तो इन 3 चीजों से समझौता नहीं कर सकते। विशेष रूप से खनन उद्योग वन, पर्यावरण और भूमि में तीन सबसे महत्वपूर्ण कारक हैं । आपको समाज और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाना होगा। उत्पाद और अपशिष्ट को शासन में रखने की जरूरत है ।
जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड के महाप्रबंधक श्री सुयश शुक्ल ने कहा कि नीति वकालत अब दिन में बहुत जरूरी है। कोई भी व्यवसाय तब सबसे अच्छा काम करेगा जब कम कागजी कार्रवाई होगी। तकनीकी उन्नति के संबंध में कर्मचारियों का उन्नयन होना चाहिए । काम के प्रति नजरिया बदलने की जरूरत है, सिंगल विन्डो को प्रभावी बनाना होगा । अनुमोदन और फ़ाइल आंदोलन को तेजी से करने की जरूरत है । अधिकारिक की जवाबदेही आवश्यक है।
एडवांटेज के निदेशक श्री अभिषेक पंडित ने कहा कि अब कंपनियां कम लागत और नई तकनीक के अनुकूल होने के कारण नई प्रतिभाएं चाहती हैं । सरकार नवसिखुआ लेने के लिए प्रोत्साहित और संवर्धन कर रही है । यह शिक्षा और कौशल उद्योग में रोमांचक समय होने जा रहा है । स्पिकटेल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड की सीईओ श्रीमती पूजा जायसवाल ने बताया कि टेक प्लेटफॉर्म पर सब कुछ एनडब्ल्यू है, अंततः ग्रामीण भारत में कारोबार ग्रामीण हैं । ई-कॉमर्स गांवों में ज्यादा तेजी से पहुंच रहा है, लोग नए ट्रेंड पर भरोसा कर रहे हैं। अभी भी कौशल उन्नयन में भारी अंतर है । इन्हीं विचारों के साथ मशहूर शख्सियतों की वर्चुअल उपस्थिति में वेबिनार सम्पन्न हो गया।

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जे.एस.पी.एल. द्वारा इन्जीनियर्स मीट, जीवन मूल्यवान है, इसलिए क्वालिटी के प्रति सजग है जिन्दल पैंथरः रोहित लांबा

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भूकंप, भूस्खलन, बाढ़ हो या आग जैसी आपदाएं, जिन्दल पैंथर सच्चा साथी फॉस्फोरस और सल्फर की मात्रा नियंत्रित रखने के लिए दुनिया की सर्वोत्कृष्ट तकनीक का इस्तेमाल में भारत का एक अग्रणी बहुराष्ट्रीय ब्रांड है जिन्दल पैंथर, देश के कोने-कोने में उपलब्ध भी है। यूरोप, मध्य-पूर्व एशिया, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका में भी भारी मांग, कनाडा के बाजार में भी बना पाया है पहचान। अमेरिका में भी प्रवेश की पूरी तैयारी है। विश्व स्तर पर जिन्दल पैंथर को मान्यता सिर्फ टीएमटी रिबार में ही नहीं बल्कि निर्माण संबंधी काम्बिनेशन में सक्षम है।
निर्माण संबंधी हर समाधान देने के लिए हम तैयारः हिमांशु बिंयाला
बिलासपुर, 21 अक्टूबर 2021 –निर्माण के क्षेत्र में विश्व में अग्रणी बहुराष्ट्रीय भारतीय ब्रांड जिन्दल पैंथर के ग्रुप मार्केटिंग हेड रोहित लांबा ने कहा कि उनकी कंपनी की निगाह में प्रत्येक जीवन मूल्यवान है इसलिए वह क्वालिटी के प्रति सजगता को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। भूकंप, भूस्खलन, बाढ़ या आग के संकट में जिन्दल पैंथर नागरिकों का सच्चा साथी है क्योंकि तमाम आपदाओं को ध्यान में रखते हुए सर्वोच्च तकनीक का उपयोग कर जिन्दल पैंथर टीएमटी रिबार तैयार किया जाता है।
छत्तीसगढ़ सिविल इंजीनियर एसोसिएशन, बिलासपुर के प्रेसिडेंट आर.के.सोनी और सचिव गिरीश पाठक की उपस्थिति में यहां आज होटल इंपीरियल में आयोजित इंजीनियर्स एंड आर्किटेक्ट मीट में श्री लांबा ने कहा कि जिस तरह स्वस्थ जीवन के लिए पौष्टिक भोजन आवश्यक है, उसी तरह स्वस्थ आवास के लिए गुणवत्तायुक्त सामग्री की भी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि स्टील तैयार करने की कई तकनीक हैं लेकिन बेहतरीन तकनीक वह है जो स्टील में फॉसफोरस और सल्फर की मात्रा नियंत्रित रखे। जिन्दल पैंथर ब्लास्ट फर्नेस और डीआरआई प्रणाली, बेसिक ऑक्सीजन फर्नेस, इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस, लैडल रिफाइनिंग फर्नेस और अन्य आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर टीएमटी रिबार में फॉसफोरस और सल्फर की मात्रा नियंत्रित रखता है, जिससे गलने और जलने दोनों के खतरे न के बराबर रह जाते हैं। इसके अलावा यह भूकंप, भूस्खलन और अन्य आपदाओं में भी कवच का काम करता है। जिन्दल पैंथर लौह अयस्क से टीएमटी रिबार तैयार करता है, जिससे इसके उत्पाद में अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप शुद्धता रहती है।
श्री लांबा ने कहा कि जिन्दल पैंथर लोगों के भरोसे पर खरा उतर रहा है। यह देश के कोने-कोने में उपलब्ध है और अग्रणी बहुराष्ट्रीय ब्रांड भी बन गया है। हमारे उत्पाद की मांग यूरोप, मध्य-पूर्वी एशियाई देश, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और यूरोप में अच्छी है। जिन्दल पैंथर कनाडा में अपनी पहचान बना रहा है और अमेरिकी बाजार में प्रवेश के लिए भी तैयार है। उन्होंने कहा कि देश में सस्ता के चक्कर में लोग क्वालिटी से समझौता कर लेते हैं और उन कंपनियों के उत्पाद का इस्तेमाल करते हैं, जो इंडक्शन फर्नेस से रिबार तैयार करते हैं। कबाड़ इनका रॉ मैटीरियल होता है और इनके पास रिफाइनिंग की अन्य शुद्धता प्रणालियों का अभाव होता है, जिससे इनके उत्पाद में फॉसफोरस और सल्फर की मात्रा अधिक होती है। फॉसफोरस अधिक होने पर सरिया के कठोर होकर टूटने, या जल्दी जंग लगने और सल्फर की मात्रा अधिक होने पर आग बेकाबू होने का खतरा रहता है। उन्होंने टाइटनिक हादसे का उदाहरण दिया, जो आइसबर्ग से टकराकर क्षतिग्रस्त हो गया था क्योंकि उसके स्टील में फॉस्फोरस अधिक था। इसी तरह न्यूयॉर्क के ट्विन टावर पर जब विमान हमला हुआ तो आग लगने के कारण वह भरभरा कर गिर गया क्योंकि उसके स्टील में सल्फर की मात्रा अधिक थी।
इस अवसर पर जिन्दल पैंथर प्रोडक्ट अप्लीकेशन ग्रुप के प्रबंधक हिमांशु बिंयाला ने बताया कि निर्माण हमारे जीवन की मूलभूत आवश्यकता है इसलिए जिन्दल पैंथर ने टीएमटी रिबार समेत अनेक समाधान बाजार में प्रस्तुत किये हैं। उन्होंने कहा कि हमारे सुरक्षित जीवन के लिए उपभोक्ताओं की जागरूकता सबसे बड़ी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कोलकाता, भुबनेश्वर में ब्रिज का ढहना, मुंबई के वडाला स्थित लॉयड एस्टेट में पार्किंग स्थल का धंसना और गाजियाबाद के वसुंधरा में सड़क टूटकर खाई में तब्दील हो जाना ऐसे उदाहरण हैं जो देश में बुनियादी ढांचे के विकास में आ रही कमियों की ओर ध्यान दिला रहे हैं। ऐसे अनगिनत मामले सामने आए हैं, जिनमें मानकों के अनुरूप सामग्री का इस्तेमाल न होने से करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है और बेशकीमती जानें भी गई हैं।
श्री नवीन जिन्दल के नेतृत्व वाली कंपनी जिन्दल स्टील एंड पावर (जेएसपीएल) के निमंत्रण पर आयोजित इस इंजीनियर्स एंड आर्किटेक्ट मीट की मेजबानी ए.आर. एंटरप्राइजेज ने किया। इस अवसर पर निदेशक श्री राजेश मोदी ने जिन्दल पैंथर की विश्वसनीयता की सराहना करते हुए कहा कि इसके माध्यम से हम उपभोक्ताओं में क्वालिटी के प्रति चेतना जगाने का काम कर रहे हैं। उपभोक्ताओं की गुणवत्ता चेतना से ही कोई भी राष्ट्र महान बनता है। इस अवसर पर जेएसपीएल के प्रेसिडेंट एंड सीएमओ (वायर रॉड एंड राउंड) राजकमल श्रीवास्तव, महाप्रबंधक पारस शर्मा, बिलासपुर के अनेक नामचीन इंजीनियर और आर्किटेक्ट उपस्थित रहे।

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छत्तीसगढ़ के विकास में अपने योगदान को बताती जेएसपीएल द्वारा प्रस्तुत झलकियाँ

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सिर्फ स्टील और ऊर्जा उत्पादन ही नहीं बल्कि लोक उत्थान हेतु किए प्रयासों की भी झलक
श्री नवीन जिन्दल के नेतृत्व में “आत्मनिर्भर भारत” की गाथा लिख रही है कंपनी
रायपुर, 29 अक्टूबर 2021 . छत्तीसगढ़ राज्य गठन की 21वीं वर्षगांठ पर यहां साइंस कॉलेज ग्राउंड में आयोजित ‘राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव’ और ‘राज्योत्सव-2021’ के अवसर पर श्री नवीन जिन्दल के नेतृत्व वाली कंपनी जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) की झांकियां प्रदेश के विकास में अपने योगदान की कहानी सुना रही है। यहां लगाए गए जेएसपीएल के पंडाल में झलक मिलती है कि यह कंपनी सिर्फ स्टील और ऊर्जा का उत्पादन नहीं कर रही है, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास और अन्य उपक्रमों के माध्यम से लोगों के उत्थान के लिए भी प्रयासरत है और “आत्मनिर्भर भारत” की गाथा लिख रही है। दुर्दांत कोविड हर वर्ष की तरह आयोजित राज्योत्सव में इस बार का रंग कुछ अलग है। इस बार राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव – छत्तीसगढ़ राज्योत्सव में 7 देश, 27 राज्य और 6 केंद्र शासित प्रदेशों के 1000 से अधिक नर्तक शामिल हुए हैं इसलिए माहौल में उमंग और उत्साह है। इस रंगारंग वातावरण में जेएसपीएल का पंडाल अपनी अलग छटा बिखेर रहा है।
छत्तीसगढ़ जेएसपीएल की जन्मभूमि है। संस्थापक चेयरमैन श्री ओपी जिन्दल ने 1989 में रायगढ़ में यह पौधा लगाया था, जो आज राष्ट्र की मजबूती में बढ़-चढ़कर योगदान कर रहा है। जेएसपीएल यहां प्रेरणा का स्रोत भी बना हुआ है कि विश्वविख्यात समाजसेवी और उद्यमी श्री ओपी जिन्दल ने हिसार के गांव नलवा में रहते हुए कैसे इतने बड़े सपने देखे और उसे साकार कर दिखाया। इसी तरह चेयरमैन श्री नवीन जिन्दल ने कैसे उन सपनों को आगे बढ़ाया और रेल, ऊर्जा समेत अनेक क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के राष्ट्र के प्रयासों में सहयोगी बने।
छत्तीसगढ़ में जेएसपीएल की यात्रा रायगढ़ में 0.3 एमटीपीए क्षमता के डीआरआई प्लांट से शुरू हुई थी, जो आज 8.6 MTPA एमटीपीए वाली स्टील कंपनी बन गई है। इसमें रायगढ़ प्लांट की क्षमता 3.6 एमटीपीए की है, जिसे और आगे ले जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। जेएसपीएल का रायगढ़ प्लांट आज दुनिया के सबसे बड़े स्पंज आयरन उत्पादन प्लांट्स में से एक है। जेएसपीएल निजी क्षेत्र की देश की इकलौती कंपनी है, जो रेल पटरियां बना रही है। इसी तरह यह देश की इकलौती कंपनी है जो तेज गति से चलने वाली ट्रेनों के लिए हेड हार्डेंड रेल रायगढ़ स्थित अपने प्लांट में बना रही है। मेट्रो, मोनो रेल जैसी महानगरीय और अंतर-महानगरीय सेवाओं के विस्तार के सपनों को जेएसपीएल के इन प्रयासों से नए पंख लगे हैं और अब सरकार अपने देश में ही बनी रेल पटरियों के माध्यम से विकास के नए अध्याय लिख रही है। पहले इन पटरियों के लिए विदेश पर ही निर्भरता थी।
रायगढ़ के ही तमनार में स्थित जिन्दल पावर लिमिटेड की स्थापना जेएसपीएल ने की थी, जो स्वतंत्र बिजली उत्पादन क्षेत्र में निजी क्षेत्र की एक क्रांतिकारी पहल थी। यह ऐसी बुनियाद थी, जिसने बिजली उत्पादन क्षमता के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाया।
चाहे स्टील हो या पावर प्लांट, इनकी स्थापना और संचालन के लिए मशीनों की आवश्यकता होती है और इस जरूरत को पूरा किया, रायपुर स्थित जेएसपीएल के मशीनरी डिवीजन ने। रायपुर की इस वर्कशॉप में वे मशीनें भी बनाई गईं, जो सिर्फ विदेश में बनती थीं। यहां अनेक ऐसी स्वदेशी तकनीक विकसित की गई, जो राष्ट्र के औद्योगिक बुनियाद को मजबूत करने में कारगर साबित हुई।
ओपी जिन्दल स्कूल, ओपी जिन्दल यूनिवर्सिटी, ओपी जिन्दल कम्युनिटी कॉलेज, जिन्दल इंस्टीट्यूट ऑफ पावर टेक्नोलॉजी, फोर्टिस-ओपी जिन्दल हॉस्पिटल समेत सामुदायिक विकास के अनेक कार्य आज समाजसेवा के क्षेत्र में जेएसपीएल के योगदान की पहचान बन गए हैं। कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण काल में जेएसपीएल ने देशभर के अस्पतालों में ऑक्सीजन पहुंचाकर मानवता की सेवा की अमिट छाप छोड़ी है।

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