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तय समय पर होगी नगरनार स्टील प्लांट की कमीशनिंग, तैयारियां अंतिम चरण में, सीएमडी सुमित देब ने प्लांट का भ्रमण कर लिया तैयारियों का जायजा

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नगरनार : देश की सबसे बड़ी लौह अयस्क उत्पादक नवरत्न कंपनी एनएमडीसी द्वारा जगदलपुर के पास नगरनार में लगाए जा रहे नगरनार स्टील प्लांट की शुरूआत( कमीशनिंग) तय समय पर होगी। एनएमडीसी द्वारा कमीशनिंग की सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। कमीशनिंग की तैयारियों को जायजा लेने के लिए एनएमडीसी के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक श्री सुमित देव ने निदेशक वित्त श्री अमिताव मुखर्जी और तकनीकी निदेशक श्री सोमनाथ नंदी के साथ नगरनार पहुंचे और तैयारियों की समीक्षा करने के साथ ही प्लांट का निरीक्षण भी किया।
इस अवसर पर श्री देव ने कहा कि “नगरनार स्टील प्लांट कमीशनिंग अपने निर्धारित समय होगी जिसके लिए हमारी टीम सभी सम्बंधित एजेंसियों से समन्वय स्थापित कर लगातार कार्य को आगे बढ़ाने में जुटी है। हमारे परियोजना के इंजिनियरों और श्रमिकों का जोश देख मुझे यक़ीन है कि इस टीम के संकल्प के आगे कोई रूकावट नहीं आएगी और निर्धारित लक्ष्य और तय समय पर नगरनार स्टील प्लांट की शुरूआत हो जाएगी।” एनएमडीसी के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक के रूप में श्री सुमित देव विगत चार माह में दूसरी बार नगरनार पहुंचे थे और उन्होंने सभी कमीशनिंग की तैयारी में जुटे सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का हौसला बढ़ाते हुए विश्वास जताया कि एनएमडीसी ने जो समय सीमा निर्धारित की है उस तय समय सीमा में नए साल में नगरनार प्लांट की शुरूआत हो जाएगी।
एनएमडीसी सीएमडी के दो दिवसीय नगरनार स्टील प्लांट दौरे में उनके साथ एनएमडीसी के वरिष्ठ अधिकारियों के अतिरिक्त नगरनार स्टील प्लांट की रुपरेखा बनानेवाली (और जिसकी देखरेख में निर्माण हो रहा है) सरकारी कंपनी मेकांन के डायरेक्टर प्रोजेक्ट्स एवं प्रभारी अध्यक्ष श्री सलिल कुमार भी मौजूद थे। अपने प्रवास के दौरान श्री सुमित देव ने वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर स्टील प्लांट की कमीशनिंग की तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में श्री प्रशांत दास, कार्यकारी निदेशक और प्रभारी, नगरनार स्टील प्लांट ने कमीशनिंग के लिए हो रहे कार्यों का विस्तार में ब्यौरा दिया। बैठक के दौरान अफसरों तथा निर्माण में शामिल प्रमुख ठेकेदारों और एजेंसियों विचार – विमर्श कर कमीशनिंग के अंतिम चरण में आने वाले कठिनाईयों से निपटने की रणनीति को अंतिम रूप दिया गया।
अपने प्रवास के दौरान श्री देव ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ नगरनार स्टील प्लांट का दौरा कर बाय प्रोडक्ट प्लांट, डी जी स्टेशन, थीन स्लैब कास्टर तथा रोलिंग मिल्स इलाकों का विस्तार में जायज़ा लिया और कार्य की प्रगति की समीक्षा की। प्रोजेक्ट में कार्यरत कर्मचारियों के टीम वर्क की सराहना करते हुए श्री देब ने उन्हें सुरक्षा के सभी मापदंडों का पालन करने का आग्रह किया। कर्मचारियों को उत्साहित करते हुए उन्होनें कहा “मन में भविष्य के बारे में कोई आशंका को बसने न दें और काम पर लक्ष्य केंद्रित कर इसे जल्द आगे बढ़ाइए क्योंकि एनएमडीसी मैनेजमेंट आपके हर हित का पूरा ख्याल रखेगी।”
कार्य प्रगति से जिला प्रशासन को भी अवगत कराया
अपने प्रवास के दौरन श्री देव ने स्थानीय जिला प्रशासन के साथ भी बैठक की और राज्य सरकार द्वारा प्लांट की कमीशनिंग में दिए जा रहे सहयोग के लिए प्रशासन को धन्यवाद ज्ञापित किया। जिला प्रशासन के साथ देर रात हुई बैठक में श्री देब तथा एनएमडीसी के दोनो निदेशकों ने बस्तर के कलेक्टर श्री रजत बंसल (IASको कमीशनिंग से जुड़े प्रोजेक्ट के सभी कार्यों की प्रगति से अवगत कराया। इस अवसर पर श्री देव ने जिला प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका और सहयोग के लिए श्री बंसल का आभार व्यक्त करते हुए उनकी सक्रिय भूमिका को सराहा और बस्तर के प्रति एनएमडीसी के प्रतिबद्धता का विश्वास दिलाया ।

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सेल ने वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही में 4339 करोड़ रुपये के समेकित शुद्ध लाभ की घोषणा की

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नई दिल्ली : स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने मौजूदा वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2021-22) की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर, 2021) और पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर – 2021) के लिए कंपनी के वित्तीय परिणाम आज घोषित किए। वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही के दौरान सेल के परफ़ार्मेंस की मुख्य विशेषताएं:- कच्चे इस्पात का उत्पादन : 44.68 लाख टन, विक्रेय इस्पात की बिक्री: 42.80 लाख टन, अब तक की सर्वश्रेष्ठ तिमाही एबिटडा (EBITDA), कर-पूर्व लाभ (PBT) और कर-पश्चात लाभ (PAT), कंपनी ने वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही के दौरान अपनी उधारी में रु.12,872 करोड़ की कमी है। कंपनी की सकल उधारी 31.03.2021 को रु. 35,350 करोड़ थी, जो 30.09.2021 को घटकर रु. 22,478 करोड़ रह गई। कंपनी के बोर्ड ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए शेयरधारकों को 4 रुपये प्रति शेयर के अंतरिम लाभांश को मंजूरी दी है।

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एसोचैम के झारखंड इकाई के द्वारा परिचर्चा : नया हो लहजा कहीं से भी काम करने के लिए, व्यैक्तिक जवाबदेही के साथ सिंगल विन्डो प्रभावशाली बने : सुयश

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भारत में COVID 19 महामारी बहुत गंभीर रूप से प्रभावित कियाहै, बल्कि नकारात्मक, २०२० के शुरू सेभारत के रोजगार केआंकड़े ।अवसरों कोअधिकतम करने और इस प्रक्रियामें संघर्षों और परेशानियों कोकम करने की जरूरत है। इसे ध्यान में रखते हुए, एसोचैम “ईज ऑफ डूइंगबिजनेस-राजस्व और रोजगार सृजनपर Covid19 परिदृश्य के प्रभाव परचर्चा” पर ज्ञान प्रबंधनवर्चुअल मीट का आयोजन कररहा है। वेबिनार में एसोचैम के क्षेत्रीय निदेशक श्री भरत जायसवाल ने सत्र का परिचय कराया विषय की गूढ़ता पर भी उन्होंने प्रकाश डाला।
वहीं सत्र का संचालन श्री मनु सेठ, सीईओ बोल मिंज इंक और सीईओ क्लब नेटवर्क में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सलाहकार ने किया। हम मानकों को निर्धारित करनेकी जरूरत है, व्यापार में अभिनव और अवसरवादी जारहा है और यहभी व्यापार प्रथाओं में नैतिक जा रहा हैआप लंबे समय तक चलाने मेंले जाएगा । काम केपैटर्न में स्मार्टनेस को स्पष्ट रूपसे पेश करना होगा। वहीं शेयरखान के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ अभिजीत सरकार ने कहा कि जनसांख्यिकी की कोई सीमा नहीं है। ज्यादातर रिक्रूटर टैलेंट को देखकर हायर करते हैं । जनसांख्यिकी अब कोई फर्क नहीं पड़ता । पोस्ट कॉविड चूंकि स्थितियों में सुधार हो रहा है अधिकांश कर्मचारी कार्यालयों में वापस लौटने में अनिच्छा दिखा रहे हैं । इसके अलावा आदित्य बिड़ला समूह के उपाध्यक्ष और परियोजना प्रमुख श्रीशिव शंकरमहतो ने एक बहुत ही रोचक तथ्य को इंगित करते हुए शुरुआत की कि वन, पर्यावरण और भूमि किसी भी व्यवसाय के लिए 3 बड़े मुद्दे हैं । अगर आप बिजनेस चला रहे हैं या बिजनेस चलाना चाहते हैं तो इन 3 चीजों से समझौता नहीं कर सकते। विशेष रूप से खनन उद्योग वन, पर्यावरण और भूमि में तीन सबसे महत्वपूर्ण कारक हैं । आपको समाज और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाना होगा। उत्पाद और अपशिष्ट को शासन में रखने की जरूरत है ।
जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड के महाप्रबंधक श्री सुयश शुक्ल ने कहा कि नीति वकालत अब दिन में बहुत जरूरी है। कोई भी व्यवसाय तब सबसे अच्छा काम करेगा जब कम कागजी कार्रवाई होगी। तकनीकी उन्नति के संबंध में कर्मचारियों का उन्नयन होना चाहिए । काम के प्रति नजरिया बदलने की जरूरत है, सिंगल विन्डो को प्रभावी बनाना होगा । अनुमोदन और फ़ाइल आंदोलन को तेजी से करने की जरूरत है । अधिकारिक की जवाबदेही आवश्यक है।
एडवांटेज के निदेशक श्री अभिषेक पंडित ने कहा कि अब कंपनियां कम लागत और नई तकनीक के अनुकूल होने के कारण नई प्रतिभाएं चाहती हैं । सरकार नवसिखुआ लेने के लिए प्रोत्साहित और संवर्धन कर रही है । यह शिक्षा और कौशल उद्योग में रोमांचक समय होने जा रहा है । स्पिकटेल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड की सीईओ श्रीमती पूजा जायसवाल ने बताया कि टेक प्लेटफॉर्म पर सब कुछ एनडब्ल्यू है, अंततः ग्रामीण भारत में कारोबार ग्रामीण हैं । ई-कॉमर्स गांवों में ज्यादा तेजी से पहुंच रहा है, लोग नए ट्रेंड पर भरोसा कर रहे हैं। अभी भी कौशल उन्नयन में भारी अंतर है । इन्हीं विचारों के साथ मशहूर शख्सियतों की वर्चुअल उपस्थिति में वेबिनार सम्पन्न हो गया।

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जे.एस.पी.एल. द्वारा इन्जीनियर्स मीट, जीवन मूल्यवान है, इसलिए क्वालिटी के प्रति सजग है जिन्दल पैंथरः रोहित लांबा

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भूकंप, भूस्खलन, बाढ़ हो या आग जैसी आपदाएं, जिन्दल पैंथर सच्चा साथी फॉस्फोरस और सल्फर की मात्रा नियंत्रित रखने के लिए दुनिया की सर्वोत्कृष्ट तकनीक का इस्तेमाल में भारत का एक अग्रणी बहुराष्ट्रीय ब्रांड है जिन्दल पैंथर, देश के कोने-कोने में उपलब्ध भी है। यूरोप, मध्य-पूर्व एशिया, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका में भी भारी मांग, कनाडा के बाजार में भी बना पाया है पहचान। अमेरिका में भी प्रवेश की पूरी तैयारी है। विश्व स्तर पर जिन्दल पैंथर को मान्यता सिर्फ टीएमटी रिबार में ही नहीं बल्कि निर्माण संबंधी काम्बिनेशन में सक्षम है।
निर्माण संबंधी हर समाधान देने के लिए हम तैयारः हिमांशु बिंयाला
बिलासपुर, 21 अक्टूबर 2021 –निर्माण के क्षेत्र में विश्व में अग्रणी बहुराष्ट्रीय भारतीय ब्रांड जिन्दल पैंथर के ग्रुप मार्केटिंग हेड रोहित लांबा ने कहा कि उनकी कंपनी की निगाह में प्रत्येक जीवन मूल्यवान है इसलिए वह क्वालिटी के प्रति सजगता को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। भूकंप, भूस्खलन, बाढ़ या आग के संकट में जिन्दल पैंथर नागरिकों का सच्चा साथी है क्योंकि तमाम आपदाओं को ध्यान में रखते हुए सर्वोच्च तकनीक का उपयोग कर जिन्दल पैंथर टीएमटी रिबार तैयार किया जाता है।
छत्तीसगढ़ सिविल इंजीनियर एसोसिएशन, बिलासपुर के प्रेसिडेंट आर.के.सोनी और सचिव गिरीश पाठक की उपस्थिति में यहां आज होटल इंपीरियल में आयोजित इंजीनियर्स एंड आर्किटेक्ट मीट में श्री लांबा ने कहा कि जिस तरह स्वस्थ जीवन के लिए पौष्टिक भोजन आवश्यक है, उसी तरह स्वस्थ आवास के लिए गुणवत्तायुक्त सामग्री की भी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि स्टील तैयार करने की कई तकनीक हैं लेकिन बेहतरीन तकनीक वह है जो स्टील में फॉसफोरस और सल्फर की मात्रा नियंत्रित रखे। जिन्दल पैंथर ब्लास्ट फर्नेस और डीआरआई प्रणाली, बेसिक ऑक्सीजन फर्नेस, इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस, लैडल रिफाइनिंग फर्नेस और अन्य आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर टीएमटी रिबार में फॉसफोरस और सल्फर की मात्रा नियंत्रित रखता है, जिससे गलने और जलने दोनों के खतरे न के बराबर रह जाते हैं। इसके अलावा यह भूकंप, भूस्खलन और अन्य आपदाओं में भी कवच का काम करता है। जिन्दल पैंथर लौह अयस्क से टीएमटी रिबार तैयार करता है, जिससे इसके उत्पाद में अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप शुद्धता रहती है।
श्री लांबा ने कहा कि जिन्दल पैंथर लोगों के भरोसे पर खरा उतर रहा है। यह देश के कोने-कोने में उपलब्ध है और अग्रणी बहुराष्ट्रीय ब्रांड भी बन गया है। हमारे उत्पाद की मांग यूरोप, मध्य-पूर्वी एशियाई देश, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और यूरोप में अच्छी है। जिन्दल पैंथर कनाडा में अपनी पहचान बना रहा है और अमेरिकी बाजार में प्रवेश के लिए भी तैयार है। उन्होंने कहा कि देश में सस्ता के चक्कर में लोग क्वालिटी से समझौता कर लेते हैं और उन कंपनियों के उत्पाद का इस्तेमाल करते हैं, जो इंडक्शन फर्नेस से रिबार तैयार करते हैं। कबाड़ इनका रॉ मैटीरियल होता है और इनके पास रिफाइनिंग की अन्य शुद्धता प्रणालियों का अभाव होता है, जिससे इनके उत्पाद में फॉसफोरस और सल्फर की मात्रा अधिक होती है। फॉसफोरस अधिक होने पर सरिया के कठोर होकर टूटने, या जल्दी जंग लगने और सल्फर की मात्रा अधिक होने पर आग बेकाबू होने का खतरा रहता है। उन्होंने टाइटनिक हादसे का उदाहरण दिया, जो आइसबर्ग से टकराकर क्षतिग्रस्त हो गया था क्योंकि उसके स्टील में फॉस्फोरस अधिक था। इसी तरह न्यूयॉर्क के ट्विन टावर पर जब विमान हमला हुआ तो आग लगने के कारण वह भरभरा कर गिर गया क्योंकि उसके स्टील में सल्फर की मात्रा अधिक थी।
इस अवसर पर जिन्दल पैंथर प्रोडक्ट अप्लीकेशन ग्रुप के प्रबंधक हिमांशु बिंयाला ने बताया कि निर्माण हमारे जीवन की मूलभूत आवश्यकता है इसलिए जिन्दल पैंथर ने टीएमटी रिबार समेत अनेक समाधान बाजार में प्रस्तुत किये हैं। उन्होंने कहा कि हमारे सुरक्षित जीवन के लिए उपभोक्ताओं की जागरूकता सबसे बड़ी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कोलकाता, भुबनेश्वर में ब्रिज का ढहना, मुंबई के वडाला स्थित लॉयड एस्टेट में पार्किंग स्थल का धंसना और गाजियाबाद के वसुंधरा में सड़क टूटकर खाई में तब्दील हो जाना ऐसे उदाहरण हैं जो देश में बुनियादी ढांचे के विकास में आ रही कमियों की ओर ध्यान दिला रहे हैं। ऐसे अनगिनत मामले सामने आए हैं, जिनमें मानकों के अनुरूप सामग्री का इस्तेमाल न होने से करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है और बेशकीमती जानें भी गई हैं।
श्री नवीन जिन्दल के नेतृत्व वाली कंपनी जिन्दल स्टील एंड पावर (जेएसपीएल) के निमंत्रण पर आयोजित इस इंजीनियर्स एंड आर्किटेक्ट मीट की मेजबानी ए.आर. एंटरप्राइजेज ने किया। इस अवसर पर निदेशक श्री राजेश मोदी ने जिन्दल पैंथर की विश्वसनीयता की सराहना करते हुए कहा कि इसके माध्यम से हम उपभोक्ताओं में क्वालिटी के प्रति चेतना जगाने का काम कर रहे हैं। उपभोक्ताओं की गुणवत्ता चेतना से ही कोई भी राष्ट्र महान बनता है। इस अवसर पर जेएसपीएल के प्रेसिडेंट एंड सीएमओ (वायर रॉड एंड राउंड) राजकमल श्रीवास्तव, महाप्रबंधक पारस शर्मा, बिलासपुर के अनेक नामचीन इंजीनियर और आर्किटेक्ट उपस्थित रहे।

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