अपने परिवार, समाज और देश के लिए कुछ कर दिखाने की इच्छा रखने वाला हर युवा चाहता है कि वह जितनी जल्दी हो खुद के पैरों पर खड़ा हो जाए। यूं तो सरकार ने देश भर में अनेक तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा के पाठ्यक्रम संचालित किए हैं परंतु देश की युवा आबादी के अनुपात में उनकी संख्या कम ही है। अनेक पाठ्यक्रम ऐसे भी हैं जहां प्रशिक्षण की सुविधाएं तो हैं परंतु प्रशिक्षण के बाद युवाओं को रोजगार पाने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है। ऐसे में देश भर में ऐसे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों समय की मांग है जो प्रशिक्षण तो दे साथ ही रोजगार उपलब्ध कराने में युवाओं की मदद करे।
दुनिया की अग्रणी धातु उत्पादक कंपनी वेदांत समूह अपने तकनीकी एवं व्यावसायिक कौशल में सतत प्रगति के साथ ही सामुदायिक विकास कार्यक्रमों के माध्यम से अपने प्रचालन क्षेत्रों में ऐसी परियोजनाओं को प्रोत्साहित करने में विश्वास रखता है जिससे स्थानीय नागरिकों के जीवन स्तर में बढ़ोत्तरी हो। वेदांत समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड ने अपनी 50 वर्षों की विकास यात्रा में यह साबित किया है कि यदि सामुदायिक विकास के कार्यक्रम लोगों की जरूरतों के अनुरूप क्रियान्वित हो तो उनकी सफलता सौ फीसदी सुनिश्चित होती है।
बालको संचालित प्रमुख सामुदायिक विकास कार्यक्रमों में से एक है ‘वेदांत-आई.एल.एंड एफ.एस. स्किल स्कूल’। गरीबी रेखा से नीचे के युवाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में बालको की ओर से प्रारंभ यह केंद्र एक ऐसी संस्था के रूप में फल-फूल रहा है जो युवाओं को आत्मनिर्भर बन जाने का आत्मविश्वास और संबल देता है। यह उन्हें इस बात के लिए भी आश्वस्त करता है कि सिर्फ प्रशिक्षण देकर उन्हें बाजार के हवाले नहीं किया जाएगा बल्कि उन्हें पूर्ण रूप से उद्यमी बनने के लिए हरसंभव मदद दी जाएगी। तभी तो यहां से आतिथ्य सत्कार ट्रेड का प्रशिक्षण ले चुके जिला कोरबा की नेहरूनगर निवासी दीपिका महंत कहती हैं – ‘आई.एल.एंड एफ.एस. स्कूल में प्रशिक्षण पाना मेरे जीवन का टर्निंग प्वाइंट है। इसी से मुझे छत्तीसगढ़ के टॉप होटल में प्लेसमेंट मिला। मैं होटल एवं आतिथ्य सत्कार उद्योग के सबसे ऊंचे ओहदे को हासिल करना चाहती हूं। वेदांत आई.एल.एंड एफ.एस. स्किल स्कूल का मुझ पर बहुत बड़ा उपकार है। केंद्र ने मुझे अपने पैरों पर खड़े होने के काबिल बना दिया।’ वेल्डिंग ट्रेड में प्रशिक्षित ग्राम गुनिया, कोरबा के भुवनेश्वर प्रसाद तिवारी बताते हैं ‘बालको के स्किल स्कूल ने हमें एक ऐसा मंच प्रदान किया है जिससे हमारी जिंदगी को नई दिशा मिल गई है। यहां हमें अपने ट्रेड के साथ ही योग-व्यायाम, कंप्यूटर, व्यक्तित्व विकास आदि का बेहतरीन प्रशिक्षण मिला।’
क्या है ‘वेदांत- आई.एल. एंड एफ.एस. स्किल स्कूल’
- वेदांत स्किल्स स्कूल वर्ष 2010 से कोरबा में संचालित है।
- स्कूल की शाखाएं सरगुजा जिले के कमलेश्वरपुर, मैनपाट और कबीरधाम जिले के बोदई-दलदली में संचालित हैं।
- वेदांत स्किल्स स्कूल की तीनों शाखाओं से 8000 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण मिल चुका है।
- बालको संचालित कार्यक्रम के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य के जरूरतमंद युवाओं को विभिन्न उद्योगों की जरूरत के मुताबिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
- योजना के अनुरूप एक आवासीय व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण बालकोनगर में किया गया है। योजना राष्ट्रीय स्तर की एजेंसी आई.एल. एंड एफ.एस. की मदद से संचालित हो रही है।
- योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य के गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले युवाओं को लक्ष्य बनाया गया है। हालांकि इसके अंतर्गत गरीबी रेखा से ऊपर के युवाओं को भी अवसर मिल रहा है।
- स्किल स्कूल से प्रशिक्षित युवाओं को सुनिश्चित रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।
- स्कूल से प्रशिक्षित युवा इतने सक्षम होते हैं कि वे अपनी इच्छा के मुताबिक उद्योगों में सीधे ही काम शुरू कर सकते हैं अथवा अपना स्वयं का उद्यम स्थापित कर सकते हैं।
- अकुशल अथवा अर्द्धकुशल युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार मिलने से उनके परिवारों के जीवन स्तर में सुधार हुआ है। ऐसे युवा देश और छत्तीसगढ़ राज्य की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।