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छत्तीसगढ़ इज ऑफ डूइंग बिजनेस सुधारों को लागू करने देश में अग्रणी राज्यों में शामिल

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रायपुर, 20 मार्च 2021

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य में उद्योग हितैषी फैसलों और निर्णयों के फलस्वरूप इज ऑफ डूइंग बिजनेस सुधारों के क्रियान्वयन में देश के पहले 20 राज्यों में शामिल हो गया है, जहां इन सुधारों की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है।
    इज ऑफ डूइंग बिजनेस के सुधारों को पूरा करने वाले छत्तीसगढ़ सहित 20 राज्यों को जीएसडीपी के 0.25 प्रतिशत अतिरिक्त ऋण लेने के लिए पात्रता श्रेणी मिल गई है। भारत सरकार के उद्योग और आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने वाले विभाग की अनुशंसा के अनुसार वित्त मंत्रालय द्वारा इन 20 राज्यों को अतिरिक्त वित्तीय स्त्रोत के रूप में 39 हजार 521 करोड़ रूपए खुले बाजार से ऋण लेने की अनुमति दी गई है। छत्तीसगढ़ राज्य को अतिरिक्त वित्तीय स्त्रोत के रूप में 895 करोड़ रूपए ऋण लेने की अनुमति दी गई है।
    देश में इज ऑफ डूइंग बिजनेस के सुधारों की प्रक्रिया अब तक 20 राज्यों में सफलतापूर्वक लागू की जा चुकी है। इन सुधारों को क्रियान्वित करने वाले पांच नए राज्यों में छत्तीसगढ़ सहित अरूणाचल प्रदेश, गोवा, मेघालय और त्रिपुरा शामिल हैं। इज ऑफ डूइंग बिजनेस इनवेस्टमेंट फ्रेंडली वातावरण के प्रमुख संकेतकों में शामिल है। इज ऑफ डूइंग बिजनेस से राज्य की अर्थव्यवस्था में भविष्य में तेजी आएगी, इसलिए भारत सरकार ने मई 2020 में यह निर्णय लिया था कि जिन राज्यों में इज ऑफ डूइंग बिजनेस सुधारों को सफलतापूर्वक लागू किया जाएगा, उन्हें अतिरिक्त वित्तीय स्त्रोत के रूप में अनुमति दी जाएगी।
    इज ऑफ डूइंग बिजनेस सुधारों को लागू करने की तय प्रक्रिया के अनुसार पहले चरण में जिला स्तर पर सुधारों के लिए एक्शन प्लान को पूर्ण करना, दूसरे चरण में विभिन्न अधिनियमों के तहत उद्यागों को पंजीयन सर्टिफिकेट, अनुमोदन, लाइसेंस की प्रक्रिया को समाप्त करना। इसी प्रकार तीसरे चरण में कम्प्यूटरीकृत केन्द्रीय निरीक्षण की व्यवस्था, उद्यागों के निरीक्षण के लिए एक ही निरीक्षक को पुनः अगले वर्ष उसी इकाई का निरीक्षण की जिम्मेदारी नहीं देना, औद्योगिक इकाईयों के निरीक्षण के लिए उद्योगपतियों को पूर्व में नोटिस जारी करना और निरीक्षण के 48 घंटे के भीतर निरीक्षण रिपोर्ट अपलोड करना शामिल है।
    उल्लेखनीय है कि कोरोना संकट काल को देखते हुए भारत सरकार ने 17 मार्च 2020 को औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए राज्यों को उनके जीएसडीपी के 2 प्रतिशत तक लोन लेने की सीमा बढ़ाई गई थी। इस विशेष व्यवस्था के तहत आधी राशि नागरिक सुविधाओं पर केन्द्रित गतिविधियों पर राज्यों को खर्च की जानी थी। इसके लिए चार विशेष क्षेत्रों का निर्धारण किया गया था, इनमें वन नेशन वन राशन कार्ड सिस्टम, इज ऑफ डूइंग बिजनेस सुधार, शहरी स्थानीय निकाय उपयोगिता सुधार और पावर सेक्टर सुधार करना शामिल था।

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नई दिल्ली

इरेडा ने विरासत का उत्सव मनाया: वरिष्ठ दिग्गजों ने उज्जवल भविष्य के लिए अपने विचार साझा किये।

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नई दिल्ली @ भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास संस्‍था लिमिटेड (आईआरईडीए) ने 10 अप्रैल, 2024 को “सार्वजनिक क्षेत्र दिवस” के अवसर पर एक सभा की मेजबानी की। इस अवसर पर संगठन की विरासत का उत्सव मनाने और निरंतर सफलता की ओर आगे बढ़ने के भविष्यगत संकल्प से जुड़े एक प्रारूप को पेश करने के उद्देश्य से एक विशेष कार्यक्रम में संगठन के पूर्ववर्तियों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी अपने विचार साझा करने के लिए आमंत्रित किया गया। कार्यक्रम में पूर्व मुख्य प्रबंध निदेशक और निदेशकों सहित अधिकांश सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने संगठन की भविष्य में प्रगति के संदर्भ में अपने समृद्ध और मूल्यवान अनुभवों को साझा करने के लिए उत्साहपूर्ण रूप से भागीदारी की।इस अवसर पर उपस्थित सम्मानित दिग्गजों ने अपने अनुभवों को साझा करने और इरेडा की आगामी यात्रा को और समृद्ध बनाने के लिए इस महत्वपूर्ण मंच पर अपने मूल्यवान विचार प्रकट किए। पूर्व मुख्य प्रबंध निदेशक और निदेशकों ने इरेडा के तीव्र विकास पथ की सराहना करते हुए व्यावसायिक सफलता को और बढ़ावा देने एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों सहित अपने कार्यबल का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए प्रबंधन के समग्र दृष्टिकोण की भी प्रशंसा की।

आयोजन के महत्व पर अपने विचार रखते हुए, इरेडा के मुख्य प्रबंध निदेशक प्रदीप कुमार दास ने कहा कि यह बैठक अत्यधिक महत्व रखती है क्योंकि यह न केवल हमारे वरिष्ठ पूर्ववर्तियों और सेवानिवृत्त सहयोगियों के योगदान का सम्मान करती है बल्कि समावेशिता और सहयोग की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठजनों का अनुभव और उनकी अंतर्दृष्टि अमूल्य संपत्ति है जो अक्षय ऊर्जा विकास के गतिशील परिदृश्य में हमारा मार्गदर्शन करती रहेगी। प्रदीप कुमार दास ने कहा कि हमारी विकास गाथा केवल संख्या और उपलब्धियों के बारे में ही नहीं है, यह उन लोगों के बारे में भी है जो हमारी सफलता का आधार रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम अपने पूर्ववर्तियों की बुद्धिमत्ता और मार्गदर्शन के लिए आभारी हैं साथ ही उत्कृष्टता और सहयोग की समान भावना के साथ हम इरेडा को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए तत्पर हैं।इस विशेष अवसर पर मुख्य आकर्षण के तौर पर एक हास्य कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया। हास्य कवि सम्मेलन का उपस्थित जनसमूह ने पूर्ण आनंद उठाया और इससे उत्सव के क्षणों को और भी उत्कृष्ट और विनोदपूर्ण बनाया गया। कवि सम्मेलन में सुश्री मनीषा शुक्ला, चिराग जैन और सुंदर कटारिया की कविताओं के माध्यम से दिए गए गहन संदेशों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। नई दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में आयोजित यह शानदार कार्यक्रम अपने कार्यबल के बीच समुदाय और निरंतरता की भावना को बढ़ावा देने की इरेडा की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है। एक व्यक्ति मंच पर कुर्सियों पर बैठे लोगों के साथ बोल रहा है, विवरण स्वचालित रूप से उत्पन्न होता है इस कार्यक्रम में वित्त निदेशक डॉ. बिजय कुमार मोहंती, स्वतंत्र निदेशक राम निशाल निषाद, मुख्य सतर्कता अधिकारी अजय कुमार साहनी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। शाखा कार्यालयों में कार्यरत इरेडा के अन्य अधिकारियों ने भी वर्चुअल मोड में इस कार्यक्रम में अपनी भागीदारी की।

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एसईसीएल सीएमडी डॉ प्रेम सागर मिश्रा के मुख्य आतिथ्य में आईआईएम रायपुर के कार्यकारी पीजी प्रोग्राम के चौथे बैच का हुआ शुभारंभ

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एसईसीएल सीएमडी डॉ प्रेम सागर मिश्रा द्वारा आज आईआईएम रायपुर के प्रबंधन में कार्यकारी स्नातकोत्तर कार्यक्रम (ePGP) के चौथे बैच का उद्घाटन किया गया। उदघाटन कार्यक्रम का आयोजन आज आईआईएम रायपुर परिसर में MADAI ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में एसईसीएल डॉ. प्रेम सागर मिश्रा उपस्थित रहे।

इस अवसर पर डॉ मिश्रा ने अपने सम्बोधन में कहा की हमें चुनौतियों को स्वीकार कर, उनसे सीखकर आगे बढ़ते रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि चुनौतियों का सामना करने और खुद को लगातार बेहतर करने से व्यक्ति को खुद को निखारने एवं अपने व्यक्तित्व को और मजबूत बनाने में मदद मिलती है। उन्होंने सभी को एक-दूसरे के साथ परस्पर सद्भावना एवं प्रेमपूर्ण व्यवहार करने के लिए प्रोत्साहित किया। वर्क-लाइफ बैलेंस के विषय को संबोधित करते हुए उन्होने इस बात पर जोर दिया कि हर व्यक्ति कि इसकी अपनी-अपनी परिभाषा होती और इसे केवल एक ही नज़रिये से नहीं देखा जा सकता। उन्होंने रामायण और महाभारत के कुछ उदाहरणों का ज़िक्र करते हुए इन पौराणिक कथाओं और समकालीन व्यावसायिक अनुभवों के बीच समानता पर भी चर्चा की।

ईपीजीपी कार्यक्रम के चौथे बैच में विविध पृष्ठभूमि और भौगोलिक स्थानों से कुल 233 छात्र हैं। आईआईएम रायपुर के प्रबंधन में कार्यकारी स्नातकोत्तर कार्यक्रम (ईपीजीपी) कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों को विभिन्न प्रबंधन विषयों में एक ठोस आधार देकर प्रबंधन में एक उन्नत कैरियर के लिए तैयार करना है जो प्रतिस्पर्धा के इस युग में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए आवश्यक हैं। आईआईएम रायपुर, अपने शीर्ष स्तर के फ़ैकल्टी सदस्यों, आधुनिक पाठ्यक्रम और विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के साथ, सामाजिक रूप से जागरूक बिजनेस लीडर्स को विकसित करने और प्रशिक्षित करने के लिए पूरे देश में जाना जाता है।

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सेल ने वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही में 4339 करोड़ रुपये के समेकित शुद्ध लाभ की घोषणा की

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नई दिल्ली : स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने मौजूदा वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2021-22) की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर, 2021) और पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर – 2021) के लिए कंपनी के वित्तीय परिणाम आज घोषित किए। वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही के दौरान सेल के परफ़ार्मेंस की मुख्य विशेषताएं:- कच्चे इस्पात का उत्पादन : 44.68 लाख टन, विक्रेय इस्पात की बिक्री: 42.80 लाख टन, अब तक की सर्वश्रेष्ठ तिमाही एबिटडा (EBITDA), कर-पूर्व लाभ (PBT) और कर-पश्चात लाभ (PAT), कंपनी ने वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही के दौरान अपनी उधारी में रु.12,872 करोड़ की कमी है। कंपनी की सकल उधारी 31.03.2021 को रु. 35,350 करोड़ थी, जो 30.09.2021 को घटकर रु. 22,478 करोड़ रह गई। कंपनी के बोर्ड ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए शेयरधारकों को 4 रुपये प्रति शेयर के अंतरिम लाभांश को मंजूरी दी है।

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